विकास के साथ दें जीवनदान, कांक्रीट से पेड़ों का दम न घोटें; वन विभाग ने नगर निगम को लिखा पत्र

भोपाल में महोगनी, कैनन वॉल ट्री और सीता अशोक समेत कुछ ऐसी प्रजातियों के पेड़ हैं, जाे पूरे प्रदेश में कहीं नहीं पाए जाते हैं। लिंक राेड-1 पर महोगनी के 50 साल पुराने तकरीबन 20 ऐसे ही पेड़ लगे है। इनके तनाें के चाराें ओर कांक्रीट कर देने से अब इनका दम घुटने लगा है।


पेड़ाें काे जीवनदान देने के लिए वन विभाग और राजधानी परियाेजना प्रशासन (सीपीए) ने सराहनीय पहल की है। इन्हाेंने नगर निगम काे पत्र लिखा है कि जाे भी विकास कार्य हाें, उसमें इस बात का ध्यान रखा जाए कि पेड़ के तनाें के चाराें ओर कम से कम एक मीटर की जगह छाेड़ी जाए, ताकि पेड़ों की दम घुटने से माैत न हाे।


सीपीए ऐसे पेड़ाें का सर्वे भी करवा रहा है। सीपीए और वन विभाग सर्वाइव कर रहे 10 साल से ऊपर के ऐसे पेड़ाें काे बचाने की मुहिम शुरू कर रहा है, जाे दुर्लभ या उम्रदराज है। अधिकारियाें का कहना है कि शहर के साैंदर्यकरण के दाैरान ठेकेदाराें ने पेड़ाें के तनाें के चाराें ओर कांक्रीट कर दी है। इससे पेड़ाें काे नुकसान हाे रहा है।